एक बार की बात है दो दोस्त अशोक और विनोद रेगिस्तान से होकर गुजर रहे थे सफर के दौरान दोनों के बीच मे किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई और उनमें से विनोद ने अशोक के गाल पर थप्पड़ मार दिया. जिसने थप्पड़ खाया था मतलब अशोक उसे बहुत आघात पहुंचा,लेकिन वो चुप रहा और उसने बिना कुछ बोले रेत के ऊपर लिखा आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मुझे थप्पड़ मारा. उसके बाद उन दोनों ने दोबारा चलना शुरू किया . चलते चलते उन्हें एक नदी मिली दोनों दोस्त उस नदी में स्नान के लिए उतरे. जिस दोस्त ने थप्पड़ खाया था मतलब अशोक उसका पैर फिसला और वो पानी में डूबने लगा, उसे तैराना नहीं आता था. विनोद ने जब उसकी चिख सुनी तो वो उसे बचाने की कोशिश करने लगा और उसे निकाल कर बाहर ले आया. अब डूबने वाले दोस्त ने पत्थर के ऊपर लिखा आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मेरी जान बचाई . जिसने थप्पड मारा और जान बचाई उसने दूसरे से पूछा जब मैंने तुम्हे थप्पड़ मार तब तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हारी जान बचाई ,तब तुमने पत्थर पर लिखा,ऐसा क्यूं? तब अशोक ने जवाब दिया रेत पर इसलिए लिखा ताकि वो जल्दी मिट जाए और पत्थर पर इसलिए लिखा ताकि वो अमिट रहे. मित्रो,
जब आपको कोई आघात पहुंचता है तब उसका प्रभाव आपके मन के रेत पर लिखे शब्दों तरह होना चाहिए . जिसे क्षमा की हवाएं आसानी से मिटा सके. लेकिन जब कोई आपके हित में कुछ करे. तब उसे पत्थर पर लिखे शब्दों की तरह याद रखे ताकि वो अमीट रहे. व्यक्ति की अच्छाई पर ध्यान दें, न कि उसकी बुराई पर.